रुक ना बस तेरी ही बात हो रही है

                        रुक  ना  बस  तेरी  ही  बात  हो  रही  है 



बाते  हज़ार  हो  रही  है , बहुत  रात  हो  रही  है 
बाते  हज़ार  हो  रही  है , बहुत  रात  हो  रही  है 
रुक  ना ,  बस  तेरी  ही  बात  हो  रही  है।  


सपनो  में  तझसे  मुलाकाते  हो  रही  है , तझसे  बात  करते  करते  साँसे  तेज़  हो  रही  है ,
सपनो  में  तझसे  मुलाकाते  हो  रही  है , तझसे  बात  करते  करते  साँसे  तेज़  हो  रही  है ,
बहार  ठण्ड  में  भी  बातो  का  सिलसिला  खत्म  नहीं  हो  रहा  है ,
ये  दिल  तझको  सिर्फ़  तझको  ही  ढूंढ  रहा  है ,
सुनो  जाना  यु  शर्मा  कर  कहा  जा  रही  है ,
रुक  ना ,  बस  तेरी  ही  बात  हो  रही  है।  

घन्हें  अंधेरे  में , सितारों  की  चादर  में , चाँद  में  चांदनी  में  भी  अब  एक  बहार  आ  रही  है ,
हमारे  इसी  अनकहे -अज़नबी  लेकिन  एक  नए  रिश्ते  की  शुरुवात  हो  रही  है ,
यु  तो  बरसाती  मौसम  पसंद  नहीं  मुझे , यु  तो  बरसाती  मौसम  पसंद  नहीं  मुझे 
मगर  फिर  भी  रेनकोट  पहने  तुझसे  बात  हो  रही  है ,
बातें  अधूरी छोड़कर कहाँ जा रही है ,
रुक  तो  जाना , बस  तेरी  ही  बात  हो  रही  है ,
रुक  ना ,  बस  तेरी  ही  बात  हो  रही  है। 


-अनूपम 












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