मै महादेव

मै सूर्य का तेज हूँ, चंद्र का प्रकाश मै,

ना ढूंढ मुझे तू मूरख, हूँ सम्पूर्ण कैलाश मै,

प्राणी का आरंभ मै, उसका ही हूँ अंत मै,

प्रलय की शुरुवात मै, प्रलय का आघात मै,

देवताओं का आराध्य हूँ, दैत्यों का हूँ पूज्य मै,

जीव मै, मृत मै, शमशान मै और कंकाल भी मै,

अग्नि मै, नीर मै, समुद्र से निकला विष भी मै,

आनंद मै, उल्लास मै, दुःख भी मै और विलास भी मै,

स्वर्ग मै और नर्क मै, भूतल भी मै, पाताल भी मै,

महाकाल मै, महाराज मै, इंद्र हूँ तो यमराज भी मै,

दुर्गा मै, काली मै, खड्ग भी मै और खप्पर वाली  भी मै,

नर भी मै, नारायण मै, गीता मै तो रामायण भी मै,

अस्त्र भी मै और शस्त्र भी मै, अर्जुन का गांडीव मै और कृष्ण का चक्र भी मै

पवन भी मै और पवनपुत्र भी मै, राम भी मै और राम का दास भी मै

आकर मै, निराकार मै, कर्म मै तो साकार भी मै,

असुर मै और देव भी मै, वैरागी मै और महादेव भी मै ||



          - अनुपम   


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